पिथौरागढ़ डिपो में 30 बसें अपनी समय सीमा पार कर चुकी हैं और इनमें खतरे के बीच सफर कराया जा रहा है.
पिथौरागढ़: पहाडों की लाइफ लाइन कहे जाने वाली और आवाजाही का सुगम साधन उत्तराखंड परिवहन निगम की बसें से यात्रियों सुविधा कम परेशानी अधिक हो रही हैं. पहाडों में तय सीमा पार कर चुकीं पुरानी खटारा बसों को पहाड़ की सड़कों पर दौड़ाया जा रहा है. पिथौरागढ़ डिपो में 30 बसें अपनी समय सीमा पार कर चुकी हैं और इनमें खतरे के बीच सफर कराया जा रहा है.
आए दिन तकनीकी खराबी के कारण पुरानी बसें बीच रास्ते में ही जवाब दे जाती हैं, जिससे यात्रियों को दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. चलते चलते ये बसे जगह जगह रूक जाती है. इन बसों में सफर कर रहे यात्रियों के साथ ही चालक और परिचालकों की जान भी सांसत में रहती है.
एक तरह से कहा जाए तो पहाड़ी रूट पर परिवहन निगम की बसों में सफर कर रहे यात्रियों की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ हो रहा है. पिथौरागढ़ डिपो के बेड़े में 68 बसें शामिल हैं. इनमें शामिल 21 बसें ही नई हैं, जिन्हें सिर्फ दिल्ली रूट पर संचालित किया जा रहा है. देहरादून, बरेली, लखनऊ, टनकपुर, हल्द्वानी सहित अन्य रूटों पर दौड़ रहीं 30 बसें ऐसी हैं, जो अपनी उम्र पार कर चुकी हैं. इनकी खरीद के सात साल पूरे हो चुके हैं और ये सात लाख किलोमीटर का मानक भी पूरा कर चुकी हैं.
नियमों के मुताबिक ऐसी बसों को यात्रियों की सुरक्षा के दृष्टिकोण से पहाड़ की सड़कों पर संचालित नहीं किया जा सकता. डिपो को नई बसें न मिलने से पुरानी खटारा बसों को ही सड़कों पर दौड़ाना मजबूरी बना हैय ये बसें आए दिन सड़कों पर खराब हो रही हैं. कभी बसों का ब्रेक फेल तो कभी स्टेयरिंग फेल होने के अलावा अन्य खराबी आती रहती हैं. इन सबकी अनदेखी कर इन्हें सड़कों पर दौड़ाकर यात्रियों की सुरक्षा को अनदेखा किया जा रहा है.
खराबी आने से छह बसें वर्कशॉप में खड़ी: तय समय सीमा पार कर चुकीं बसें बार-बार खराब हो रहीं हैं/ हालात यह हैं कि खराबी आने से छह बसों को वर्कशॉप में खड़ा करना पड़ा है. इन बसों की खराबी दूर करने के लिए डिपो को स्पेयर पार्ट्स भी नहीं मिल रहे हैं. बीते दिनों टनकपुर रूट पर संचालित एक बस चंपावत के पास खराब हो गई थी. ऐसा ही हाल आए दिन देखने को मिलता रहता है. वही दिल्ली को जाने वाले बस भी बेरीनाग और सेराघाट के पास खराब हो गई थी.
बसों की इस हालात को लेकर जब संबंधित अधिकारी से सवाल किया गया तो उन्होंने कहा-
हर बस की समय-समय पर फिटनेस होती है. पूरी जांच के बाद ही बस को संचालित किया जाता है. नई बसों की मांग की गई है. डिपो को नई बसें मिलने की उम्मीद है.
-रवि शेखर कापड़ी, एआरएम, पिथौरागढ़ डिपो-
सीएम के गृह क्षेत्र से राजधानी के लिए एक बस नहीं: पिछले दो वर्षों से प्रदेश की राजधानी देहरादून को जाने वाली डीडीहाट बेरीनाग अल्मोड़ा बस बंद है. वही दिल्ली बांसबगड बस भी लम्बे समय से बंद है. सीएम के गृह क्षेत्र डीडीहाट से देहरादून जाने के लिये कोई बस वर्तमान में नहीं है, जिससे लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा हैं. लंबे समय से लोग इस बस सेवा को शुरू करने की मांग कर रहे हैं. जनता इसकी शिकायत सीएम से लेकर मंत्री और सीएम हेल्प लाइन तक कर चुके है, लेकिन कहीं कोई कार्रवाई नहीं हो रही.
