लोहाघाट के सिंगदा क्षेत्र में पिछले तीन-चार दिनों से गुलदार के आतंक ने ग्रामीणों का जीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है
चंपावत: लोहाघाट विकासखंड के धूरा तोक से बीते दो दिन से लापता व्यक्ति का शत बुधवार को वन विभाग द्वारा बरामद कर लिया गया. लापता व्यक्ति भुवन राम उम्र 45 वर्ष को गुलदार द्वारा अपना निवाला बनाया गया. इस घटना के बाद स्थानीय लोगों में दहशत का माहौल है.
गुलदार की लगातार इस इलाके में आमद से लोग खोफजदा हैं. स्थानीय लोगों ने पिंजरा लगाकर गुलदार को पकड़ने एवं मृतक के परिवार को उचित मुवावजा देने की मांग रखी है. वन विभाग ने शव मंगोली के पास जंगल से बरामद किया है. शव का अधिकांश हिस्सा गुलदार खा चुका था.
घटना से आसपास के ग्रामीणों में भय का माहौल उत्पन्न हो गया है. लोगों ने वन विभाग से गुलदार को पकड़ने और मृतक के परिवार को उचित मुआवजा देने की मांग की है. प्राप्त जानकारी अनुसार बुधवार को वन विभाग के रेंजर नारायण दत्त पांडेय ने बताया कि भुवन राम मंगलवार से लापता था. सूचना मिलने पर चलाए गए सर्च अभियान के दौरान देर शाम उसके शव को मंगोली के पास जंगल से बरामद किया गया.
रेंजर के अनुसार गुलदार ने शव के अधिकांश हिस्से को खा लिया है. वन विभाग नियमों के तहत मृतक के परिजनों को मुआवजा देगा. वहीं लोहाघाट थाना निरीक्षक अशोक कुमार ने शव का पंचनामा पूरा कर पोस्टमार्टम कराने की बात कही है. उक्त घटना के उपरांत वन विभाग की टीम घटना स्थल पर लगातार गश्त कर रही है और लोगों से जंगल जाने पर सावधानी बरतने की अपील की गई है. इस घटना के बाद क्षेत्र में सुरक्षा को लेकर गंभीर चिंता बनी हुई है. इसके साथ ही गुलदार के हमले के बाद पुलिस और वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची और स्थिति का जायजा लिया है.
हम आपको बता दें कि लोहाघाट के सिंगदा क्षेत्र में पिछले तीन-चार दिनों से गुलदार के आतंक ने ग्रामीणों का जीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है. कई बार गुलदार गांव के आसपास देखा गया है, जिससे ग्रामीण रात्रि के साथ ही दिन में भी अपने घरों से बाहर निकलने में डर रहे हैं.
सिंगदा क्षेत्र के बीटीसी प्रतिनिधि पूरन सिंह सामंत ने प्रशासन और वन विभाग से निवेदन करते हुए कहा है कि क्षेत्र में गुलदार को पकड़ने के लिए तुरंत पिंजरा लगाया जाये. उन्होंने कहा कि ग्रामीणों की सुरक्षा प्राथमिकता होनी चाहिए और शीघ्र आवश्यक कार्रवाई जरूरी है. स्थानीय ग्रामीणों ने आशंका जताई है कि यदि जल्द कार्रवाई नहीं की गई, तो गुलदार के और हमलों का खतरा बढ़ सकता है. वन विभाग से भी क्षेत्र में सतर्कता और गश्त तेज करने की मांग की गई है ताकि ग्रामीणों की जान-माल की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके.
