मध्य प्रदेश-राजस्थान में कफ सिरप पीने से जा चुकी बच्चों की जान, उत्तराखंड में शिशु रोग अस्पतालों के मेडिकल स्टोरों पर एफडीए की छापेमारी
देहरादून: केंद्र सरकार से बच्चों के लिए प्रतिबंधित कफ सिरप को लेकर गाइडलाइन जारी होने के बाद उत्तराखंड सरकार काफी गंभीर हो गई है. जिसके तहत तमाम मेडिकल स्टोरों में छापेमारी की कार्रवाई की जा रही है. एफडीए यानी खाद्य संरक्षा व औषधि प्रशासन विभाग की टीमें प्रदेशभर में औचक निरीक्षण अभियान चला रही है. इसी कड़ी में देहरादून क्षेत्र में औषधि विभाग ने कई मेडिकल स्टोरों और शिशु रोग अस्पतालों के मेडिकल स्टोरों का निरीक्षण किया. जहां से पीडियाट्रिक कफ सिरप के सैंपल लेकर जांच के लिए राज्य औषधि प्रयोगशाला भेजा गया.
उत्तराखंड में चलाया जा रहा सघन चेकिंग अभियान: दरअसल, एफडीए के आयुक्त आर राजेश कुमार के निर्देश पर प्रदेश भर के सभी जिलों में सघन अभियान चलाया जा रहा है. विभाग का उद्देश्य है कि किसी भी मेडिकल स्टोर या अस्पताल में प्रतिबंधित, असुरक्षित या बिना अनुमति वाली औषधियां न बेची जाएं. ताकि, बच्चों की सेहत के साथ किसी भी प्रकार का खिडवाड़ न हो पाए.
पीडियाट्रिक कफ सिरप मिलने पर कई गई सीज: अपर आयुक्त एफडीए व ड्रग कंट्रोलर ताजबर सिंह जग्गी ने कहा निरीक्षण के दौरान कई मेडिकल स्टोरों में Dextromethorphan Hydrobromide, Chlorpheniramine Maleate और Phenylephrine Hydrochloride युक्त पीडियाट्रिक कफ सिरप का भंडारण पाया गया. इन औषधियों को नियमानुसार सीज (जब्त) करने की कार्रवाई की गई,
इसके साथ ही कुल 6 पीडियाट्रिक कफ सिरप के सैंपल फॉर्म 17 में परीक्षण के लिए एकत्रित किए गए हैं. नमूने अब राज्य औषधि परीक्षण प्रयोगशाला को भेजे जाएंगे. जहां उनकी गुणवत्ता और वैधता का परीक्षण किया जाएगा. साथ ही कहा निरीक्षण के दौरान यह भी पाया गया कि किसी भी मेडिकल स्टोर पर Coldrif, Respifresh TR, Relife कफ सिरप उपलब्ध नहीं थी. ऐसे में विभाग ने स्पष्ट किया कि निरीक्षण का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि प्रदेश में केवल अनुमोदित, सुरक्षित और चिकित्सकीय रूप से स्वीकृत औषधियां ही उपलब्ध हों.
प्रतिबंधित दवा बेचने पर होगी कार्रवाई: अपर आयुक्त एफडीए व ड्रग कंट्रोलर ताजबर सिंह जग्गी ने कहा कि विभाग ने सभी औषधि विक्रेताओं को चेतावनी दी है कि यदि किसी भी स्टोर पर बिना अनुमति या प्रतिबंधित औषधियां पाई जाती हैं तो उनके खिलाफ खाद्य, औषधि एवं प्रसाधन अधिनियम 1940 और संबंधित नियमों के तहत कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
“सरकार की प्राथमिकता प्रदेशवासियों को सुरक्षित, गुणवत्तापूर्ण और प्रमाणित औषधियां उपलब्ध कराना है. ऐसे में सभी अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि औषधि विक्रेताओं और अस्पतालों में नियमित निरीक्षण व सैंपलिंग प्रक्रिया को और तेज किया जाए.“-पुष्कर सिंह धामी, मुख्यमंत्री, उत्तराखंड
क्या बोले स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत? वहीं, स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कहा कि औषधि विभाग का यह अभियान जन स्वास्थ्य की रक्षा के लिए अत्यंत आवश्यक कदम है. किसी भी स्तर पर लापरवाही या नियम उल्लंघन बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. विभाग ने आम जनता से भी अपील की है कि वे किसी भी संदिग्ध या बिना लेबल औषधि की जानकारी निकटतम औषधि निरीक्षक या विभागीय हेल्पलाइन को दें. ताकि, त्वरित कार्रवाई की जा सके.
कफ सिरप पीने से जा चुकी है कई बच्चों की जान: बता दें कि मध्य प्रदेश और राजस्थान में कफ सिरप पीने से कई बच्चों की जानें जा चुकी है. जिसके बाद केंद्र सरकार ने Dextromethorphan और Chlorpheniramine Maleate+Phenylephrine Hydrochloride युक्त कफ सिरप की बिक्री पर रोक लगा दी है. इसके अलावा छोटे बच्चों को कफ सिरप न देने की सलाह दी गई है.
