
बम धमकी के बाद दिल्ली की अदालतों में कार्यवाही ठप, परिसर पूरी तरह खाली कराए गए
नई दिल्ली। दिल्ली की कई जिला अदालतों में मंगलवार को आए बम धमकी भरे ई-मेल ने पूरे न्यायिक तंत्र में हड़कंप मचा दिया। संदेश मिलते ही अदालत परिसरों को एहतियातन खाली करवा दिया गया और सुरक्षा बलों ने तुरंत मोर्चा संभालते हुए तलाशी अभियान शुरू कर दिया। अचानक बढ़ाई गई सुरक्षा ने पूरे शहर में चिंता का माहौल बना दिया।
अदालतों में अचानक हाई अलर्ट
बम धमकी मिलने के बाद साकेत, द्वारका, पटियाला हाउस और रोहिणी स्थित अदालतों को पूरी तरह से खाली कर दिया गया। जजों, अधिवक्ताओं, न्यायिक कर्मचारियों और वहां मौजूद आम लोगों को तत्काल परिसर से बाहर निकलने को कहा गया। बम निरोधक दस्ता और पुलिस टीमें सभी कमरों, पार्किंग और खुले स्थानों में विस्तृत जांच करती रहीं। पटियाला हाउस कोर्ट में अतिरिक्त सुरक्षा तैनात की गई, जहां विशेषज्ञ टीमें लगातार तलाशी लेती रहीं।
साकेत कोर्ट में कार्यवाही अस्थायी रूप से रोकी गई
साकेत कोर्ट बार एसोसिएशन की ओर से जारी सूचना में कहा गया कि सुरक्षा संबंधी सतर्कता के कारण कुछ समय के लिए सभी न्यायालयीन कार्य बंद कर दिए गए थे। अधिवक्ताओं से अपील की गई कि वे शांति बनाए रखें और बेवजह भीड़ न लगाएं। सुरक्षा जांच पूरी होते ही बाद में कार्यवाही बहाल किए जाने की संभावना जताई गई।
अतीत में भी मिल चुकी हैं धमकियाँ
दिल्ली की अदालतों को पहले भी ऐसे ई-मेल के जरिए डराने की कोशिशें हो चुकी हैं। कुछ महीने पहले दिल्ली हाईकोर्ट को भी बम की झूठी सूचना दी गई थी, जिसके चलते कार्यवाही रोकनी पड़ी थी और सभी को बाहर निकलना पड़ा था। लगातार मिल रही धमकियों ने अदालत परिसरों की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर प्रश्नचिन्ह लगाए हैं।
NIA के केस से पहले बढ़ाई गई सतर्कता
पटियाला हाउस और रोहिणी कोर्ट में तलाशी अभियान इसलिए भी तेज किया गया, क्योंकि राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) के आरोपी जसीर बिलाल उर्फ दानिश की पेशी से पहले सुरक्षा को लेकर अतिरिक्त सतर्कता बरती जा रही थी। डॉग स्क्वायड और बम निरोधक टीम ने पूरी इमारत की तसदीक की।
सीआरपीएफ के दो स्कूलों को भी मिली धमकी
इसी दौरान सुबह करीब 9 बजे दिल्ली के प्रशांत विहार और द्वारका में स्थित दो सीआरपीएफ स्कूलों को भी बम से उड़ाने की धमकी वाला ई-मेल मिला। तत्काल पुलिस, अग्निशमन दल और सुरक्षा बल मौके पर पहुँचे। स्कूलों को खाली कराकर व्यापक तलाशी की गई, लेकिन जांच में कोई संदिग्ध वस्तु नहीं मिली। अधिकारियों ने इसे ‘होक्स’, यानी झूठी धमकी घोषित किया।
भ्रम फैलाने की कोशिशें बढ़ीं, सुरक्षा और कड़ी की गई
लगातार मिल रही फर्जी धमकियों ने पुलिस की सतर्कता और भी बढ़ा दी है। अधिकारियों का कहना है कि भले ही अधिकतर धमकियाँ झूठी निकलती हैं, लेकिन सार्वजनिक स्थानों की सुरक्षा से कोई समझौता नहीं किया जा सकता।

