वन आरक्षियों, वन दारोगाओं और उप वन क्षेत्राधिकारियों को आवासीय भत्ता दिया जाएगा
देहरादून: प्रदेश के दुर्गम वन क्षेत्रों में कार्यरत वनकर्मियों के लिए राज्य सरकार ने एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है. अब उन वन आरक्षियों, वन दारोगाओं और उप वन क्षेत्राधिकारियों को आवासीय भत्ता दिया जाएगा, जो वन विभाग की दूरस्थ और कठिन चौकियों पर तैनात हैं और जहां सरकारी आवासीय सुविधाएं उपलब्ध नहीं हैं.

दुर्गम क्षेत्रों में तैनात वन कर्मियों को मिलेगा आवासीय भत्ता: उत्तराखंड में वन कर्मियों की लंबे समय से आवासीय भत्ते की मांग आखिरकार पूरी होने जा रही है. हालांकि राज्य सरकार ने यह लाभ दुर्गम वन क्षेत्र में तैनात कर्मियों को देने का फैसला लिया है. लेकिन इसके बावजूद प्रदेश के जंगलों में रहकर ड्यूटी करने वाले कर्मियों के लिए इसे बड़ा फैसला माना जा रहा है.
सीएम धामी ने बताया कारण: इस मामले पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि-
हमारे वनकर्मी प्रदेश की बहुमूल्य वन संपदा और वन्यजीवों की सुरक्षा में दिन-रात कठिन परिस्थितियों में कार्य करते हैं. कई बार उन्हें परिवार से दूर रहकर दुर्गम चौकियों पर अपनी ड्यूटी निभानी पड़ती है. ऐसे में उनके परिवार के लिए आवास और मूलभूत सुविधाओं की व्यवस्था करना चुनौतीपूर्ण हो जाता है. सरकार ने इस कठिनाई को समझते हुए यह निर्णय लिया है कि जहां स्वास्थ्य, शिक्षा और अन्य सामान्य सुविधाएं उपलब्ध नहीं हैं, वहां तैनात वनकर्मियों को नियमानुसार आवासीय भत्ता अनुमन्य किया जाएगा.
-पुष्कर सिंह धामी, मुख्यमंत्री-
वन कर्मियों का बढ़ेगा मनोबल: इस निर्णय से न केवल वनकर्मियों को राहत मिलेगी, बल्कि इससे उनकी कार्यक्षमता और मनोबल में भी वृद्धि होगी. वित्त विभाग की सहमति से ऐसे दुर्गम क्षेत्रों की पहचान की जाएगी, जहां यह सुविधा लागू होगी. शासन स्तर से जारी आदेश में कहा गया है कि वन विभाग की सहमति से इन चौकियों को नोटिफाई किया जाएगा. साथ ही भविष्य में केवल ऐसे ही स्थानों को आवासीय सुविधा के लिए निर्धारित किया जाएगा, जहां सामान्य सुविधाएं उपलब्ध नहीं हैं.
ये है आदेश: अपर सचिव विनीत कुमार द्वारा जारी आदेश के अनुसार,
वन मुख्यालय से मिले प्रस्ताव पर वित्त विभाग की सहमति मिल चुकी है और संबंधित दिशानिर्देश जारी कर दिए गए हैं. आदेश में यह भी कहा गया है कि इन चौकियों को औपचारिक रूप से नोटिफाई किए जाने के बाद ही संबंधित वनकर्मियों को भत्ते की स्वीकृति दी जाएगी.
वन विभाग के सहायक वन कर्मचारी संघ के अध्यक्ष स्वरूप चंद रमोला ने इस फैसले पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और वन मंत्री सुबोध उनियाल का आभार व्यक्त किया है. उन्होंने कहा कि यह कदम न केवल आर्थिक राहत देगा, बल्कि राज्य की वन संपदा की सुरक्षा में जुटे कर्मियों को नई ऊर्जा भी प्रदान करेगा.
