त्योहार सीजन में साइबर ठग गिरोह छूट और गिफ्ट का लालच देकर लोगों को ठगी का शिकार बन रहे.
देहरादून: त्योहारी सीजन में खाद्य पदार्थों में मिलावट खोरी के साथ ही लोगों को कंगाल करने के लिए साइबर ठग भी सक्रिय हो जाते हैं. क्योंकि, त्योहारों के दौरान लोगों को लुभाने के लिए तमाम तरह के आकर्षण स्कीम संचालित किए जाते हैं, ताकि लोग अधिक से अधिक खरीदारी करें. इसी का फायदा उठाते हुए साइबर ठग भी भारी भरकम छूट या फिर गिफ्ट का लालच देकर लोगों को ठगने का काम करते हैं. इस तरह के कई मामले उत्तर प्रदेश समिति अन्य राज्यों में सामने आए हैं. जिसमें पीड़ितों ने भारी भरकम छूट के चलते लाखों रुपए गंवा दिए. ऐसे में त्योहारों के दौरान ऑनलाइन शॉपिंग करने के दौरान किन सावधानियां को बरतने जरूरत है. आइए जानते हैं.
दीपावली पर्व का हर कोई बेसब्री से इंतजार करता है. मान्यता है कि किसी दिन भगवान राम वनवास काटकर अयोध्या वापस पहुंचे थे, जिसकी खुशी में दीपावली पर्व मनाया जाता है. यही नहीं, दीपावली पर्व के दौरान माता लक्ष्मी की पूजा की जाती है, ताकि घर में लक्ष्मी का आगमन हो. यही वजह है कि इस त्योहार की तैयारियां लोगों के घरों में एक- दो हफ्ते पहले ही शुरू हो जाती है. इस त्योहार के दौरान लोग जमकर खरीदारी करते हैं. तमाम लोग ऐसे भी होते हैं जो नए इलेक्ट्रॉनिक सामान समेत अन्य चीज दीपावली त्योहार पर खरीदना ज्यादा शुभ मानते हैं और इस दौरान खरीदारी भी करते हैं. जिसको देखते हुए साइबर ठगों का गिरोह भी पूरी तरह से सक्रिय हो गया है.
ठगी करने का तरीका: जिसकी मुख्य वजह यही है कि डिजिटलाइजेशन के इस दौर में लोग ऑफलाइन शॉपिंग करने के बजाय ऑनलाइन शॉपिंग करना ज्यादा पसंद करते हैं. और यही समय साइबर ठगों के लिए ठगी का एक बेहतर अवसर बन जाता है. उत्तराखंड राज्य में पिछले साल भी त्योहारों के दौरान लोगों को ठगने का मामला सामने आया था, जिसमें मुख्य रूप से ठगों ने भारी भरकम डिस्काउंट ऑफर, ऑनलाइन गिफ्ट या फिर कैशबैक ऑफर देकर लोगों को अपने जाल में फंसाया था. इसके अलावा नई-नई वेबसाइट बनाकर सस्ते दामों पर सामान बेचने को लेकर साइबर ठग लोगों का बैंक अकाउंट समेत व्यक्तिगत जानकारी तक पहुंच बना लेते हैं. जिसका खामियाजा लोगों को बाद में भुगतना पड़ता है.
साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन अलर्ट: देहरादून में हाल ही में कुछ मामले ऐसे देखे गए हैं जिसमें गिफ्ट हैंपर और सरप्राइज गिफ्ट की लालच में कुछ लोगों ने अपने हजारों रुपए गंवा दिए. हालांकि, उत्तराखंड में अभी कोई साइबर ठगी का बड़ा मामला सामने नहीं आया है, लेकिन कुछ राज्यों में प्रलोभन देकर ठगी का मामला सामने आया है. जिसको देखते हुए साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन भी अलर्ट हो गया है. साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन की ओर से सोशल मीडिया के जरिए लोगों को जारी किया जा रहा है. साथ ही साइबर कमांडों भी सोशल साइट्स पर लगातार निगरानी रख रहे हैं. ताकि साइबर ठग फर्जी सोशल साइट्स के जरिए लोगों को अपने ठगी का शिकार ना बना पाए.
बरतें ये सावधानियां: वहीं, एसएसपी एसटीएफ नवनीत भुल्लर ने कहा कि साइबर ठगों से बचने के लिए सबसे जरूरी यही है कि साइबर हाइजीन प्रैक्टिस को अडॉप्ट करें और ऑथेंटिक वेबसाइट से ही ऑनलाइन शॉपिंग करें. इसके अलावा, लोगों को सोशल मीडिया प्रोफाइल्स पर अपनी पर्सनल चीजों को शेयर करने से बचना चाहिए. इसके अलावा सोशल साइट्स पर अगर कोई भारी भरकम छूट, गिफ्ट कूपन समेत अन्य तरह के प्रलोभन दिए जाते हैं तो उनके लिंक पर क्लिक न करें. क्योंकि, इससे ठगी की संभावना बनी रहती है. त्योहारी सीजन के दौरान लोगों की खरीदारी बढ़ जाती है. लोग एक दूसरे को गिफ्ट देते हैं और कई बार ऑनलाइन गिफ्ट भी भेजे जाते हैं. जिसके चलते साइबर ठग भी इस दौरान काफी अधिक सक्रिय हो जाते हैं. फिलहाल, उत्तराखंड राज्य में इस तरह के ठगी का कोई बड़ा मामला सामने नहीं आया है.
ठगी का शिकार होने पर यहां करें शिकायत: वहीं, उत्तराखंड के आईजी, लॉ एंड ऑर्डर नीलेश भरणे ने कहा कि त्योहारों के सीजन में पैसों का आदान-प्रदान और काफी अधिक खरीदारी की जाती है. यही नहीं, डिजिटलाइजेशन के इस दौर में यूपीआई का काफी अधिक इस्तेमाल किया जा रहा है. जिसके चलते प्रदेश भर में साइबर जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है. ताकि लोगों को इस बाबत जागरूक किया जा सके कि उन्हें साइबर ठगों से कैसे बचाना है. साथ ही बताया कि इस तरह के साइबर ठगों पर सर्विलांस निगरानी रखी गई है. अगर ठगी का शिकार हो जाएं तो तत्काल वेबसाइट www.cybercrime.gov.in पर शिकायत दर्ज करें या हेल्पलाइन नंबर 1930 पर संपर्क करें.

