प्राकृतिक औषधियों और आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों में रुचि रखने वालों के लिए हल्द्वानी का मनोसंधान केंद्र एक खास स्थान बन गया है। यहाँ मौजूद सर्पगंधा (Indian Snakeroot) का पौधा इन दिनों खासा चर्चा में है
यह पौधा न सिर्फ विषैले सर्पों से बचाव करता है, बल्कि मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के लिए भी वरदान माना जाता है।
सर्पगंधा को हजारों वर्षों से आयुर्वेद में उच्च रक्तचाप, मानसिक तनाव, अनिद्रा और घबराहट जैसी बीमारियों के इलाज में उपयोग किया जाता रहा है। वहीं इसकी एक और विशेषता है।
सांपों को दूर भगाने की क्षमता। ऐसा माना जाता है कि जहां यह पौधा उगता है, वहाँ साँप नहीं आते। इसकी तीव्र सुगंध सर्पों को पास नहीं फटकने देती।
हल्द्वानी के मनोसंधान केंद्र में यह पौधा बड़ी संख्या में उपलब्ध है। आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों से लोग यहाँ आकर इसे ले जा रहे हैं और अपने घरों व खेतों के आसपास लगा रहे हैं ताकि सर्पदंश जैसी घटनाओं से बचा जा सके।
स्थानीय निवासियों का मानना है कि इस पौधे को घर के चारों ओर लगाने से साँप आना बंद हो जाते हैं। विशेषकर जंगल या साँप बहुल क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के लिए यह पौधा बेहद उपयोगी साबित हो रहा है।
विशेषज्ञ की सलाह है जरूरी
हालाँकि, विशेषज्ञों का कहना है कि सर्पगंधा का उपयोग दवाओं के रूप में केवल प्रशिक्षित आयुर्वेदाचार्य की सलाह पर ही किया जाना चाहिए। इसकी अधिक मात्रा हानिकारक साबित हो सकती है और कुछ मामलों में दुष्प्रभाव भी दे सकती है।